जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय छात्रसंघ कार्यालय को लेकर कोई स्पष्ट नीति या गाइडलाइन नहीं है। विवि प्रशासन मनमर्जी से छात्रसंघ कार्यालय का आवंटन कर देता है। हर साल पदाधिकारी मर्जी से आवंटन करवा लाखों रुपए का नुकसान विवि प्रशासन को पहुंचाते हैं। हर वर्ष लाखों के फर्नीचर की खरीद भी हाेती है। भास्कर ने 21 दिसंबर के अंक में 'छात्रसंघ पदाधिकारियों को गत वर्ष खरीदा फर्नीचर कबाड़ में डाला, इस बार विवि ने दुगुनी राशि लेकर फिर की फिजूलखर्ची' शीर्षक से खबर प्रकाशित कर मामले का खुलासा किया था। इसके बाद कार्यवाहक कुलपति डॉ. बीआर चौधरी ने नाराजगी व्यक्त की और रजिस्ट्रार को एक कमेटी बनाने के निर्देश दिए, जो फर्नीचर सहित कार्यालय आदि की नीति बनाएगी।
दरअसल, विवि में हर वर्ष छात्रसंघ के अलग-अलग पदाधिकारी अपनी मर्जी से कार्यालय आवंटित करवाते हैं और उनमें लाखों रुपए की मरम्मत करवा देते हैं। गत वर्ष चार में से तीन एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज में कार्यालय आवंटित करवाए तो इस वर्ष एक ने भी नहीं।
तीन साल पहले पूर्व अध्यक्ष ने पुराने परिसर में कार्यालय आवंटित करवाया अाैर खूब खर्च किया, इसे बाद में किसी ने यूज नहीं किया, सभी नए परिसर में बैठे। इसी परेशानी के चलते कमराें की कमी के बावजूद विवि इन्हें नए कमरे कार्यालय के रूप में दे देता है, जिससे दूसरे कार्यों के लिए कमरे नहीं मिलते। साथ ही लाखों का जबरन खर्च करवाते हैं। अब कुलपति के निर्देश पर बनी कमेटी गाइडलाइन और नीति बनाएगी, जिसमें काम योग्य फर्नीचर के री-यूज भी होगा।
कमेटी का चेयरमैन सिंडीकेट सदस्य प्रो. संगीता लुंकड़ को बनाया गया है। इसके अलावा सिंडीकेट सदस्य प्रो. एसएल मीणा, केएन कॉलेज डायरेक्टर प्रो. कैलाश कौशल सहित विवि इंजीनियर रवि पुरोहित, छात्रसंघ सलाहकार डॉ. क्षितिज महर्षि हैं। कमेटी की पहली बैठक हो चुकी है, जिसमें गत कार्यकाल के फर्नीचर की स्टेटस रिपोर्ट मांगी गई है।
छात्रसंघ फंड व सामान के उपयोग को लेकर बनी कमेटी